Raigarh News: जिले के धरमजयगढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत सिसरिंगा के आश्रित ग्राम कुकरीखोर्रो मोहल्ला चांपखेत में आज तक लोगों को बिजली की सुविधा नसीब नहीं हुई है। 65 वर्षों से अधिक समय बिता चुके 80-90 परिवार के लगभग 500 लोग रोशनी को तरस रहे हैं। गांव में विद्युतीकरण के नाम पर खंभे तो लगे हैं, लेकिन आज तक उन खंभों में तार का जाल नहीं बिछ पाया है। बिजली से वंचित ग्रामीण आज भी मोमबत्ती और दिया जलाकर रात काटने को मजबूर है। यहां के ग्रामीणों की समस्या बिजली तक ही सीमित नहीं है, बिजली के साथ ही साथ यहां के बाशिंदों को सड़क जैसे और भी कई बुनियादी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाया है।

ग्रामीणों ने कलेक्टर से लगाई गुहार
सोमवार को कुकरीखोर्रो गांव एक दर्जन से अधिक ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर जिला मुख्यालय पहुंचे और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा है कि कुकरीखोर्रो मोहल्ला चांपखेत में 80 से 90 परिवार विगत लगभग 65 वर्षों से निवासरत हैं। जिनकी जनसंख्या लगभग 500 है। गांव में एक प्राथमिक शाला भी है। यह गांव जंगल, पहाड़, नदी, नाला के बीच बसा है। यहां पुल और सड़क नहीं होने पर ग्रामीण खुद ही लकड़ियों से पुल बनाये हैं और उसी से आना जाना करते हैं। लेकिन बरसात के दिनों में आने जाने में इन्हे बहुत ही ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। साथ ही नदी नाला होने के कारण बीमारी और गर्भवती महिलाओं को प्रसव कराने हेतु अस्पताल ले जाने में काफी परेशनी होती है। कई बार उचित सुविधा नहीं होने के कारण गर्भवती महिलाओं की मौत भी हो चुकी है। रोड नहीं होने के कारण यहां 108 या 112 वाहन भी नहीं पहुंच पाता है।
खंभा तो लग गया लेकिन तार नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में 2015 में बिजली का खम्भा लग चुका है। लेकिन आज तक उसमें बिजली तार नही लग पाया है। पूरा देश आजादी के अमृत महोत्सव मना रहा है और हम लोग विकास से पूरी तरह वंचित है। ग्रामीणों ने कलेक्टर से सड़क, पुलिया निर्माण कराने एवं बिजली कनेक्शन दिलवाने की मांग की है।
