Raigarh News: जिला मुख्यालय से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तमनार विकासखंड का उरबा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय इन दिनों जर्जर स्थिति में आ चुकी है। स्कूल को निर्माण हुए लगभग 42 वर्ष हो चुके है, जो अब मेंटेनेंस के अभाव में खंडहर में तब्दील हो रहा है। स्कूल की हालात इस कदर बिगड़ चुकी हैं कि बच्चों को पढ़ते वक्त अपनी एक नजर स्कूल की छत पर रखनी पड़ती है, तो वहीं दूसरी नजर ब्लैक बोर्ड पर ! स्कूल की दरकती दीवारें और छत से गिरते प्लास्टर की वजह से बच्चों को पढ़ाई के दौरान हमेशा डर बना रहता है कि छत का प्लास्टर और दीवाल का मलबा उखड़ कर कही उनके ऊपर न गिर जाए। देखा जाए तो, अब स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थी और पढ़ाने वाले शिक्षकों के ऊपर दोहरी जिम्मेदारी है। पहली जिम्मेदारी खुद की जान को बचाने की है, तो वहीं दूसरी जिम्मेदारी डर के साए में बैठकर एक अच्छी भविष्य गढ़ने की।
ऐसे होती है स्कूल की शुरुआत
मिली जानकारी के अनुसार, स्कूल स्टाफ और विद्यार्थियों में दरकती दीवार और गिरते प्लास्टर से डर का माहौल बन गया है। ग्रामीणों द्वारा बताया जाता है कि छात्र-छात्राएं व स्कूल स्टाफ पहले छत को डंडे से ठोकर मार कर चेक करते हैं कि कहीं का प्लास्टर उखाड़ने की स्थिति में तो नहीं है ??? जिसके बाद छत का प्लास्टर नहीं गिरता है तो वह उस स्थान पर बैठते हैं और प्लास्टर अगर उखाड़ने लगता है तो उखड़ने वाले प्लास्टर को डंडे के सहायता से गिरा कर सफाई करते हैं, फिर बैठकर पढ़ाई करते है।
हादसे को न्यौता
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उरबा में 218 बच्चे अध्ययनरत हैं। जो जान हथेली में रखकर भविष्य संवारने की कोशिश कर रहे हैं। यह कोई नहीं जानता कि कब स्कूल की दीवार और छत ढह जाएगा, लेकिन जिम्मेदारों के द्वारा किसी अनहोनी का इंतजार किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल के जर्जर स्थिति को लगभग 7 से 8 वर्ष हो चुके हैं। प्रदेश में भाजपा से अब कांग्रेस की सरकार भी आ चुकी है। लेकिन सरकार बदलने के बाद भी स्कूल की सूरत नहीं बदली है।

मुख्यमंत्री, विधायक, एसडीएम से लगा चुके हैं अर्जी
ग्राम पंचायत उरबा के सरपंच ने बताया कि स्कूल की मरम्मत कार्य के लिए सीएम भूपेश बघेल द्वारा चलाए जा रहे हैं भेंट मुलाकात कार्यक्रम में अर्जी लगाई जा चुकी है। लेकिन आज तक स्कूल मरम्मत का कार्य नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि लैलूंगा विधायक चक्रधर सिधार व क्षेत्रीय एसडीएम से भी स्कूल मरम्मत कराए जाने के लिए आवेदन दिया जा चुका है। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई उनके आवेदन पर नहीं हुई है।
ऐसा नहीं है कि सरकार द्वारा प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था सुधारने का कोई पहल नहीं किया जा रहा हो। सरकार द्वारा शिक्षा स्तर ऊपर उठाने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए नए-नए शैक्षणिक संस्थान बनाए जा रहे हैं, तो वही जर्जर स्थिति में आ चुके स्कूलों को सुधारने की भी कवायद की जा रही है। लेकिन इन सब सुधार कार्यों के लिए उरबा का शासकीय स्कूल अछूता ही रहा है।

क्षेत्र में है कई बड़ी कंपनियां
औद्योगिक नगरी कहे जाने वाले रायगढ़ जिले में कई बड़ी-बड़ी नामी कंपनियां स्थापित है। देखा जाए तो जिले के तमनार ब्लाक में सबसे ज्यादा कंपनियां संचालित हो रही है। लेकिन किसी भी कंपनी द्वारा उरबा स्कूल की मरम्मत कार्य कराया जाना उचित नहीं समझा जा रहा है।