रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में इस बार बड़ा उलट फेर हुआ है। 5 साल तक सत्ता में काबिज रहने वाली कांग्रेस सरकार को जनता ने नकार दिया है। भूपेश बघेल का ‘कका जिंदा है’ का नारा और 75 पार का वादा धराशाई हो गई है। मोदी फैक्टर के आगे राहुल गांधी और भूपेश बघेल की बांसुरी नहीं बजी है। 3 दिसंबर को आये मतगणना परिणाम ने यह साबित कर दिया है कि छत्तीसगढ़ में केवल किसान ही नहीं बल्कि बेरोजगार युवा और कर्मचारी भी रहते हैं। जो कांग्रेस सरकार की राजनीति से काफी खफा थे। फिलहाल अब छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने बहुमत हासिल कर ली है और बीजेपी के बहुमत हासिल करने के बाद सीएम पद से भूपेश बघेल ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है।
देखा जाय तो बिना सीएम फेस के छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने चुनाव लड़ी और प्रचंड जीत हासिल की है। इसमें कुछ नेताओं के हाथ निराशा भी लगी है, तो कुछ अप्रत्याशित रूप से जीतकर सामने आए हैं। अब जल्द ही प्रदेश में सरकार का गठन होगा. ऐसे में आईए जानते हैं कि प्रदेश में किन नेताओं कि किस्मत चमकने वाली है।
सीएम पद के लिए कौन रेस में आगे
अरुण साव : अगर बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में ओबीसी नेता को मुख्यमंत्री बनाने का दांव खेला तो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव रेस में सबसे आगे हो सकते हैं। वह बिलासपुर से तीन बार से सांसद भी हैं और उनका अपना एक बड़ा जनाधार है। चुनाव से पहले अरुण साव को पार्टी ने प्रदेशाध्यक्ष बनाया. जिसके बाद उन्होंने नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के साथ मिलकर संगठन में बड़ा फेरबदल किया. कार्यकर्ताओं के अंदर एक बार फिर जीत का जज्बा जगाया.जिस लोरमी विधानसभा सीट से जीतकर अरुण साव आए.उससे सटी दूसरी विधानसभाओं में भी बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की.इसी के साथ जब टिकट बंटवारे के बाद बीजेपी के अंदर बगावत की आग उठी तो अरुण साव ने ही उसे शांत करवाया था।
विष्णु देव साय
अगर पीएम मोदी की बातों को इशारा समझें तो आदिवासी मुख्यमंत्री के लिए बीजेपी में विष्णुदेव साय सबसे सबसे पसंदीदा चेहरे हो सकते हैं। वे प्रदेश में पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं और केंद्रीय मंत्री की भी भूमिका निभा चुके हैं।
16वीं लोकसभा में वे छत्तीसगढ़ की रायगढ़ सीट से जीते थे और पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में इस्पात मंत्रालय में जूनियर मंत्री की भी भूमिका निभा चुके हैं। 2020 से लेकर 2022 तक पार्टी ने उन्हें छत्तीसगढ़ बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया था। इस चुनाव में वे जशपुर जिले की कुनकरी विधानसभा (एसटी-सुरक्षित) सीट से जीते हैं।
रेणुका सिंह : रेणुका सिंह केंद्र में मंत्री हैं. जिनके नेतृत्व में सरगुजा संभाग की कई सीटों का समीकरण तैयार किया गया था. आदिवासी नेता होने के कारण उनकी पूछ परख आदिवासी क्षेत्र में ज्यादा है. अपने बयानों के कारण रेणुका सिंह अक्सर चर्चाओं में रहती है.भरतपुर सोनहत से उन्होंने अप्रत्याशित जीत हासिल की है.साथ ही साथ छत्तीसगढ़ में इससे पहले कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल कर चुकी है.
लता उसेंडी : बस्तर में लता उसेंडी महिलाओं के बीच लोकप्रिय हैं.लता उसेंडी प्रदेश में कैबिनेट मंत्री रह चुकी है.साथ ही साथ बस्तर के उन क्षेत्रों में बीजेपी की लहर तैयार करने में मदद की जहां पिछली बार जनता ने पार्टी को नकारा था. लता उसेंडी का नाम भी सीएम रेस में है.
रमन सिंह : छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रह चुके हैं।रमन सिंह को सीएम पद का तजुर्बा भी है.यदि प्रदेश में सीएम पद को लेकर किसी भी तरह की विवाद की स्थिति बनीं तो आलाकमान एक बार फिर रमन सिंह को सीएम पद सौंप सकता है.
ओपी चौधरी : प्रदेश में जीत के बाद सबसे पहला नाम ओपी चौधरी का आया.ओपी एक युवा नेता हैं.साथ ही ओबीसी वर्ग से आते हैं.प्रदेश में सबसे ज्यादा इस बार ओबीसी प्रत्याशियों को ही मैदान में उतारा गया था.ओपी चौधरी करीब 65 हजार वोटों से रायगढ़ विधानसभा जीेते हैं. ओपी चौधरी 2005 बैच के छत्तीसगढ़-कैडर के आईएएस अधिकारी थे। वही चुनावी रैलियों के बीच रायगढ़ पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह ने रैली के दौरान ओपी चौधरी को बड़ा आदमी बनाने की बात भी कही थी । जिस बात का कनेक्शन अब जनता ओपी चौधरी को छत्तीसगढ़ के सीएम पद से जोड़कर देख रहे हैं।
मंत्री पद में किनका नाम आगे ? : आईए आपको बताते हैं प्रदेश में किन लोगों का नाम मंत्री पद के लिए चल रहा है.
- बृजमोहन अग्रवाल
- अमर अग्रवाल
- राजेश मूणत
- अरुण साव
- ओपी चौधरी
- रेणुका सिंह
- लता उसेंडी
- पुन्नूलाल मोहले
- रामविचार नेताम
- विक्रम उसेंडी
- केदार कश्यप
- धरमलाल कौशिक
- भैयालाल राजवाड़े
- अजय चंद्राकर