Raigarh News: संविदा कर्मचारियों ने एकता का परिचय देते हुए बीजेपी को दिलाई बढ़त ! ओपी चौधरी से मिलकर नियमितीकरण पर जल्द मोहर लगाने का करेंगे अनुरोध !

रायगढ़। विधानसभा चुनाव 2023 अपने आप में एक अलग रोमांच देने वाला परिणाम लेकर आया जिसमें मुख्य भूमिका साइलेंट वोटर अर्थात कर्मचारियों का रहा और अगर कर्मचारियों में भी मुख्य संघों की बात करें तो छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ का योगदान समूचे छत्तीसगढ़ में देखने को मिला, एक ओर जहां 2018 के घोषणा पत्र के बिंदु क्रमांक 11 में कांग्रेस ने नियमितिकरण का सपना दिखाकर अनियमित कर्मचारी का खूब वोट बटोर था, वहीं फरवरी 2019 को भूपेश बघेल के सीएम बनने के बाद अनियमित कर्मचारियों के महासम्मेलन में कहा गया कि इस साल किसानों का है और अगले साल कर्मचारियों का रहेगा, संविदा कर्मचारी इसमें भी खुश थे की देर सवेर ही सही नियमितीकरण तो मिल ही जाएगा !

वर्ष 2020 में कोरोना ने जब पैर पसारा तो सबसे बड़े योद्धा के रूप में संविदा कर्मचारियों ने ही मोर्चा संभाला और इस संघर्ष में स्वास्थ्य एवं अन्य विभागों के सैकड़ो कर्मचारियों ने अपने परिवार की चिंता ना करते हुए आमजन को बचाने के लिए अपना बलिदान दिया, लेकिन उनके बलिदान पश्चात् न ही किसी को अनुकंपा मिला और ना ही किसी प्रकार का वित्तीय सहयोग प्राप्त हुआ! जिससे आज उनका परिवार पूरी तरह से बिखर गया है! इस बीच नियमितिकरण के लिए सरकार का ध्यान आकृष्ट करने हेतु कई छोटे-छोटे कार्यक्रम के माध्यम से अनुनय विनय का दौर चलता रहा! कांग्रेस सरकार हर बार आश्वासन देती रही और सरकार का 4 साल भी पूरा हो गया, अब कर्मचारियों के पास सरकार का ध्यान आकृष्ट करने का कोई जरिया नहीं मिला तो उन्होंने नया रायपुर रोड से माता कौशल्या मंदिर चंदखुरी तक का मनोकामना पदयात्रा किया एवं कौशल्या माता मंदिर का श्रीफल लाकर वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे को देने पहुंचे तो उन्होंने उनके द्वारा श्रीफल लेने तक से इनकार कर दिया गया।

साढे चार साल बीत जाने के बाद संविदा कर्मचारियों ने एकदिवसीय, दो दिवसीय, पांच दिवसीय हड़ताल भी किया इसके बाद भी सिर्फ और सिर्फ आश्वासन ही मिला! कुछ भी ना होता देख कर्मचारियों ने 33 जिलों के जिला कलेक्टरों को ज्ञापन देने और अपने संघ को मजबूत करने के उद्देश्य से संविदा नियमितीकरण रथ यात्रा निकाला जो की चिलचिलाती धूप में 45 दिनों तक पूरे छत्तीसगढ़ का भ्रमण करती रही। लेकिन सरकार से इस बार भी कोई भी प्रतिक्रिया नहीं मिला इस बीच विधानसभा सदन में हर बार विपक्ष के संविदा नियमितीकरण के सवाल पर स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहते रहे कि “कहां है तो करेंगे”! चुनाव नजदीक आते ही संविदा कर्मचारियों ने समय की मांग को भांपते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल का बिगुल फूंक दिया और रोज नए-नए तरीकों से सरकार का ध्यान आकृष्ट करने की कोशिश किया! जिसमें जेल भरो आंदोलन, जल सत्याग्रह, अपने खून से राहुल गांधी को पत्र लिखना, घुटनों के बाल चलकर संवाद रैली, मसाल रैली और अंत में घड़ी चौक रायपुर में प्रदर्शन करते हुए इच्छा मृत्यु तक की मांग कर डाली!

हड़ताल अवधि में संविदा कर्मचारियों को समर्थन देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और दो बार स्वयं श्री ओपी चौधरी भाजपा प्रदेश महामंत्री शामिल हुए और भाजपा के सरकार बनने पर नियमितीकरण का भरोसा दिलाया लेकिन अहंकारी कांग्रेस सरकार ने केवल और केवल आश्वासन देकर हड़ताल भी खत्म कर दिया हड़ताल समाप्ति के बाद भी कर्मचारियों को उम्मीद था कि कुछ ना कुछ अच्छा जरूर होगा लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उनका भला करना ही नहीं चाहते थे!

2023 के चुनाव नतीजे के पूर्व सभी कांग्रेस के समर्थक सहित एग्जिट पोल को भी यह एहसास ही नहीं हुआ कि संविदा कर्मचारी जिनकी कुल संख्या 45000 थी वह अपनी पीड़ा पूरे छत्तीसगढ़ वासियों को बताने में कामयाब हो गए हैं प्रत्येक कर्मचारी ने कम से कम औसतन 10 वोट प्रभावित किया और उन्होंने समस्त राजनीतिक ज्योतिषी को गलत साबित करते हुए प्रचंड बहुमत से भाजपा का सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई!

रायगढ़ में प्रचंड बहुमत से जीत हासिल करने वाले श्री ओपी चौधरी से अब संविदा कर्मचारी संगठन मुलाकात करने वाले हैं विदित हो की इस संदर्भ में चुनाव से एक सप्ताह पूर्व ओपी चौधरी ने वीडियो क्लिप जारी कर मध्य प्रदेश, हरियाणा के तर्ज पर नियमितकरण करने की बात कर चुके हैं और उन्होंने इसके लिए भाजपा पर पूरा विश्वास जताने का भी अपील संविदा कर्मचारियों से किया है! जिससे संविदा कर्मचारियों में खासा उत्साह है, संविदा कर्मचारी अपने संघ के माध्यम से यह भी जिम्मेदारी ले रहे हैं कि उनका नियमितीकरण कांग्रेस सरकार में अगर हो जाए रहता तो कम से कम जो 5000 से कम अंतर से हारने वाले उनके प्रत्याशी हारे हैं वह नहीं हारते! बता दें कि पूरे छत्तीसगढ़ में 45000 कर्मचारी संविदा में हैं और इसे प्रति विधानसभा वार भी बांटते हैं तो 500 संविदा कर्मचारी होते हैं जो अपने परिवार रिश्तेदारों मित्रों के साथ काम से कम 5000 वोट प्रभावित किए हैं ! अब ओपी चौधरी जी से मुलाकात कर संविदा कर्मचारी फिर से एक नए उत्साह के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं और इस बार उन्हें पूरा उम्मीद है कि भाजपा सरकार उन्हें नियमितीकरण का तोहफा जल्द से जल्द देगा!


उक्त बातें जिला संयोजक आनंद मिरी, जिला अध्यक्ष सतीश गौतम, सचिव चन्द्रकान्त जायसवाल, कोषाध्यक्ष विनय देवांगन एवं मीडिया प्रभारी अभिषेक स्वर्णकार की तरफ से कही गई!!

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