Raigarh News: टूटी सड़कों से उड़ रही धूल ! डस्ट खाते भविष्य गढ़ रहे बच्चे ! खुजली और खांसी से परेशान आदिवासी कन्या आश्रम ! तहसीलदार को ज्ञापन… पढ़िए पूरी खबर…

Raigarh News: औद्योगिक नगरी रायगढ़ के तमनार क्षेत्र में इन दिनों लोग प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे हैं। कंपनियों के चिमनीयों से निकलने वाला विषैला धुंआ और फ्लाई एस लोगों के लिए नासूर बनता जा रहा है। जर्जर सड़क में बेलगाम दौड़ रहे भारी वाहनों के कारण आए दिन सड़क हादसे हो रहे है, साथ ही खराब सड़क में नियमित पानी का छिड़काव नहीं होने के कारण धूल रूपी गुब्बार का सामना भी क्षेत्रवासियों को करना पड़ रहा है।

सड़कों पर उड़ने वाली धूल का असर अब छात्रावास में रहने वाले बच्चों पर दिखने लगा है। मुख्य मार्ग से लगभग 100 मीटर की दूरी पर स्थित आदर्श आदिवासी कन्या आश्रम गोढ़ी में रहकर पढ़ने वाली छात्रों को इन दिनों स्किन इन्फेक्शन (खुजली) और खांसी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों तथा स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में डस्ट की वजह से बढ़ती परेशानी को देखते हुए ग्राम पंचायत की ओर से तमनार तहसीलदार को ज्ञापन सौप कर सड़क में नियमित पानी छिड़काव करने की मांग की गई है।

डस्ट खाते भविष्य गढ़ रहे बच्चे

ग्रामीणों ने बताया कि गोढ़ी के नजदीक स्थित पेट्रोल पंप से लेकर बरभाठा चौक तक की सड़क काफी खराब हो चुकी है। जिस वजह से सड़कों पर काफी धूल उड़ रही है। गांव का स्कूल मुख्य मार्ग से कुछ ही दूरी पर है। जिस वजह से सड़कों पर उड़ने वाली धूल स्कूल तक पहुंच रही है। जिससे बच्चों को डस्ट में बैठकर पढ़ाई करने की मजबूरी बन गई है।

सड़क किनारे धूल की परत

सड़कों के किनारे जमा धूल की परत

खस्ताहाल सड़क में रोजाना करीबन सैकड़ों गाड़ियां दौड़ रही है। जिससे काफी मात्रा में सड़कों पर धूल उड़ रही है,और यही धूल धीरे-धीरे सड़क किनारे लगभग घुटने भर तक जम गया है। लेकिन सड़कों के किनारे जमे धूल की मोटी परत को हटाने की कवायद किसी जिम्मेदार के द्वारा नहीं किया जा रहा है।

शाम होते ही बढ़ जाती है परेशानी

छात्रावास अधीक्षिका ने बताया कि शाम होते ही सड़कों पर उड़ने वाली धूल से होने वाली परेशानी और बढ़ जाती है। आसपास के क्षेत्रों में पूरा धूल ही धूल भर जाता है। सांस लेने में भी परेशानी होती है। जिसकी वजह नो एंट्री खुलने के बाद गाड़ियों की रफ्तार है। स्कूल छुट्टी होने के समय में नो एंट्री पर गाड़ियां रुकी रहती है, लेकिन जैसे ही नोएंट्री खुलती है वैसे ही गाड़ियों की रेलम पेल शुरू हो जाती है। जिससे अधिक मात्रा में धूल का गुबार उड़ने लगता है।

पानी भी हो रहा खराब

ग्रामीणों ने बताया कि वे निस्तारी के लिए गांव के तालाब का उपयोग नहाने धोने में करते हैं। साथ ही कई लोग पीने के लिए भी कुएं का पानी उपयोग में लाते हैं। लेकिन इन दिनों खराब सड़क की वजह से उड़ रहे धूल की परत पानी के ऊपर जम गया है। जिससे तालाब के पानी में नहाने से त्वचा पर असर पड़ रहा है। सड़क से सटे घरों के बाशिंदों का कहना है कि वह इन दिनों स्वच्छ कपड़े भी नहीं पहन पा रहे हैं। क्योंकि जो कपड़ा धोकर सुखाते हैं,उसमें भी धूल की एक परत जमी हुई होती है।

टूटी सड़को पर उड़ती धूल

क्या कहते हैं तहसीलदार

सड़क पर उड़ने वाली धूल को लेकर आवेदन दिया गया है। कंपनी वालों को बोला हूं कि पानी नियमित रूप से छिड़काव करें।

अनुज पटेल, तहसीलदार तमनार
ज्ञापन की कापी

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