Raigarh News : CM विष्णुदेव साय के सुशासन में भी एक परिवार बेटी की संदिग्ध परिस्थिति में मौत होने के बाद इंसाफ के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। घटना को लगभग दो माह बीत जाने के बाद भी आज तक पुलिस ने कोई उचित कार्यवाही नहीं की है। परिजनों का आरोप है कि उसकी बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार कर हत्या की गई है, लेकिन पुलिस ने अब तक FIR दर्ज नहीं की है। आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही और बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए पीड़ित परिवार आज एसपी ऑफिस के सामने गांधी प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठा हुआ है।

ये है पूरा मामला
कलेक्टर और एसपी को दिए गए आवेदन से मिली जानकारी के अनुसार, छाल थाना क्षेत्र अंतर्गत चितापाली के रहने वाले अमीलाल सारथी की बेटी हाटी के कन्या छात्रावास में रहकर कक्षा ग्यारहवीं की पढ़ाई कर रही थी। इसी बीच बीते 8 जनवरी को सुबह लगभग 9:00 ग्राम कॉफरमार के कोटवार और सरपंच ने मोबाइल से सूचना दी कि उसकी बेटी काफरमार आ गई है और वह अब इस दुनिया में नहीं है। मोबाइल पर सूचना मिलने के बाद परिवार में हड़कंप मच गया। सूचना पर अमीलाल सारथी अपने गांव के कुछ लोगों के साथ तत्काल छात्रावास पहुंचे। जहां छात्रावास अधीक्षक के बारे में पूछताछ किये तो अधीक्षिका छात्रावास में उपस्थित नहीं थी।
नग्न अवस्था में खाट पर मिली थी नाबालिक की लाश
छात्रावास में अधीक्षिका के नहीं मिलने के बाद पीड़ित परिवार छाल थाना गए और थाना प्रभारी से संपर्क कर घटना के बारे में रिपोर्ट करने के लिए निवेदन किया। तब थाना प्रभारी द्वारा बोला गया कि आप लोग पुलिस चौकी जोबी चले जाइए वहां आपको सभी जानकारी मिल जाएगी। चौकी पहुंचाने के बाद पुलिस स्टाफ ने उन्हें ग्राम काफरमार लेकर गई। जहां संजय राठिया के घर के बरामदे में खाट पर अमीलाल सारथी की बेटी नग्न अवस्था में पड़ी हुई मिली।
संजय राठिया के घर कैसे पहुंची छात्रा
छात्रावास को छोड़कर छात्रा संजय राठिया के घर कैसे पहुंची ? इस तथ्य को जानने के लिए पीड़ित परिवार के लोगों ने संजय राठिया के घर वालों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि संजय राठिया छात्रा को छात्रावास से भागकर 7 जनवरी को घर लाया था। जहां उसने जहर खाकर आत्महत्या की है।
आत्महत्या कैसे..? शरीर पर चोट के निशान, मुंह से निकल रहा था खून
संजय राठिया के परिवार वालों ने छात्रा की मौत जहर खाने से होने की बात कही। लेकिन आत्महत्या वाली बात मृत बेटी के बाप और परिजनों को गलत लगा। पीड़ित परिजनों का कहना है कि उसकी बेटी जहर खाकर आत्महत्या नहीं की है। बल्कि उसके साथ मारपीट और बलात्कार जैसे कृत्य किया गया है। पीड़ित परिजनों ने बताया है कि उसकी बेटी के शरीर में कई चोट के निशान थे, दोनों पैर के घुटने पर वह गले पर चोंट लगी थी। बाया पैर के नीचे भाग टूटा हुआ दिखलाई पड़ रहा था गले में रस्सी के निशान दिख रहे थे और मुंह से खून का निशान दिख रहा था।
पुलिस पर बात अनसुना करने का आरोप
बेटी के शव में चोट के निशान देखे जाने के बाद पिता पुलिस चौकी जोबी में रिपोर्ट करने के लिए निवेदन किया। परंतु उनकी बातों को अनसुना करते हुए आवेदक के ऊपर ही संबंधित थाना प्रभारी द्वारा दबाव बनाया गया कि उसकी बेटी जहर खाकर आत्महत्या की है। जबकि उस वक्त उसकी बेटी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई थी। पीड़ित परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने बिना पीएम रिपोर्ट आए कैसे मान लिया कि उसकी बेटी जहर खाकर आत्महत्या की है।
धरना स्थल पहुंची थी पुलिस,नहीं बनी बात
पीड़ित परिजनों के द्वारा गांधी पुतला के नीचे धरना देने की जानकारी पुलिस को हुई तो तत्काल पुलिस स्टाफ मौके पर गई। जहां पुलिस ने पीड़ित परिवार को समझाइस दी, लेकिन परिजन इंसाफ की डगर पर अड़े रहे। इसके बाद पुलिस टीम मौके से निकल गई।
क्या कहते है जोबी प्रभारी-
मर्ग कायम हुआ है, एफएसएल रिपोर्ट के अनुसार आगे की संवैधानिक कार्रवाई की जाएगी। उच्च अधिकारियों से अधिक जानकारी ले सकते हैं।
आशिक रात्रे, प्रभारी जोबी चौकी


