Raigarh News: सेवा सहकारी समिति संघ के अध्यक्ष व रिश्तेदारों द्वारा समितियों में गड़बड़ी करने का आरोप लगा है। ग्रामीणों द्वारा मामले को लेकर कलेक्टर से शिकायत की गई है। शिकायत में सेवा सहकारी समिति संघ के अध्यक्ष पर भी आरोप लगाया गया है।
सेवा सहकारी समिति सरईटोला में खुलकर गड़बड़ी करने का आरोप
ग्रामीणों ने कलेक्टर को लिखित में किए शिकायत में बताया है कि सेवा सहकारी समिति संघ के अध्यक्ष अरूण बेहरा द्वारा सेवा सहकारी समिति सरईटोला में खुलकर गड़बड़ी की जा रही है। फर्जी तरीके से किसानों के नाम पर खाद-बीज के लिए ऋण निकालकर गड़बड़ी की जा रही है। इतना ही नहीं नगद विक्रय होने वाले खाद बीज की राशि को भी नियमानुसार बैंक में जमा करने का प्रावधान है, लेकिन उक्त समिति में नकद विक्रय होने वाले खाद-बीज की राशि को बैंक में जमा नहीं किया जा रहा है उक्त राशि में भी गड़बड़ी किए जाने की बात कही जा रही है। उक्त सेवा सहकारी समिति में अगर खाद-बीज का भौतिक सत्यापन किया जाए तो व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी सामने आने की बात कही गई है।
अध्यक्ष पद का दुरुपयोग कर खेला करने का आरोप
शिकायत में यह भी बताया गया है कि अरूण बेहरा द्वारा पद का दुरूपयोग करते हुए अपने समिति की हुई शिकायत को विभाग में ही लीपा-पोती करा दिया जाता है और आस-पास क्षेत्र के अन्य सेवा सहकारी समितियों का शिकायत कराई जाती है। पद का दुरूपयोग करते हुए अपने करीबी को तमनार विकासखंड के कई समितियों में खरीदी प्रभारी बनवाया गया है। धौराभांठा समिति में विजय बेहरा को खरीदी प्रभारी बनवाया गया लेकिन किसानों के अनुसार एक दिन भी उक्त प्रभारी नहीं पहुंचा, बल्कि उसके द्वारा अवैधानिक रूप से रखे अन्य कर्मचारी द्वारा पूरा कार्य किया गया। खरीदी के अंतिम दिन करीब 20 हजार क्विंटल का टोकन काटकर धान खरीदी दिखाकर अफरा-तफरी की गई। इसकी शिकायत पर तहसीलदार तमनार ने भौतिक सत्यापन किया तो करीब 7 हजार क्विंटल की कमी मिली। वहीं राजपुर में भी फर्जी खरीदी का आरोप लगाया गया है। शिकायत करने वालों में मंगल साय, परमानंद, लोचन, पैतराम, बंशीधर, राजाराम व अन्य शामिल है।
कार्यवाही के लिए शुभ मुहूर्त का इंतजार
शिकायत में जब विभाग के अधिकारियों के उपर बात आई तो इस जांच के लिए टीम गठित किया गया है। सहकारिता विस्तार अधिकारी तमनार सुशील कुमार सूर्यवंशी, बरमकेला से केआर देवांगन, अपैक्स बैंक रायगढ़ के पर्यवेक्षक सुरेश महंत की टीम बनाकर जांच करने का आदेश दिया है। 24 जून को जारी आदेश में 7 दिनों के भीतर प्रतिवेदन मांगा गया था, लेकिन अब तक इस मामले में जांच का पता नहीं है।
पहले भी नहीं हुई कार्रवाई
तहसीलदार द्वारा पूर्व में किए गए भौतिक सत्यापन के दौरान करीब 7 हजार क्विंटल धान कम मिली थी। इसके बाद भी लगातार शिकायतें आती रही। लेकिन न तो समिति प्रबंधक न ही अन्य कर्मचारियों पर किसी प्रकार की कार्रवाई की गई है।
क्या कहते है डिप्टी कलेक्टर
शिकायत मिली थी, जिसमें जांच टीम गठित की गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
सीएल जायसवाल, डिप्टी कमिश्नर, सहकारिता विभाग
क्या कहते है बेहरा
जो शिकायत हुई है वह पूरा निराधार,असत्य है। शिकायत कर्ता कहां का है.? कौन है.? इस नाम के किसी को जनता भी नहीं हूं। हमेशा ऋण वितरण की वसूली शत प्रतिशत होती है, धान का कभी कोई फर्जीवाड़ा नहीं हुआ है। धान बीज की राशि आज तक बकाया नहीं है।
अरुण बेहरा,