Raigarh News: “शासकीय करण की मांग”..! कामबंद-कलमबंद, बाइक रैली, हड़ताल वापसी आदेश कॉपी की जलाई गई होली, अब मुख्यमंत्री के नाम क्षेत्रीय विधायक को ज्ञापन ! पंचायत सचिवों की हड़ताल से विकास कार्य ठप !

Raigarh News: परीक्षा अवधि के पश्चात शासकीय करण की मांग को लेकर पंचायत सचिव बीते 16 मार्च से हड़ताल पर बैठे हैं।सचिवों की हड़ताल अवधि को लगभग 1 माह हो चुका है, पंचायतों में कामकाज ठप हो चुके हैं। लेकिन सरकार द्वारा सचिवों की मांग पर कोई ठोस पहल नहीं किया जा रहा है। सरकार द्वारा सचिवों को 24 घंटे के भीतर काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया गया था, लेकिन अपनी जिद पर अड़े सचिवों ने आदेश की कॉपी को ही धरना स्थल पर जलाकर आक्रोश प्रकट किया था। जिसके बाद से सरकार ने भी अब इस मामले पर चुप्पी साधी है।

बाइक रैली के बाद अब क्षेत्रीय विधायक को ज्ञापन

पंचायत सचिव संघ जिला इकाई रायगढ़ के द्वारा शासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए पिछले दिनों शहर में रैली निकाली गई थी। और शासकीय करण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया था। जिसके बाद भी आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। लेकिन सचिव संघ ने अब सरकार तक अपनी मांग पहुंचाने के लिए क्षेत्रीय विधायकों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। प्रांतीय आवाहन पर मंगलवार को सचिव संघ ब्लॉक इकाई तमनार के सदस्यों ने क्षेत्रीय लैलूंगा विधायक चक्रधर सिदार के निवास स्थान जाकर शासकीय करण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम विधायक को ज्ञापन सौपें है।

घोषणा के बाद भी पंचायत सचिवों का नहीं हुआ है शासकीय करण

मुख्यमंत्री के नाम विधायक चक्रधर सिदार को दिए गए ज्ञापन में सचिव संघ ब्लाक इकाई तमनार द्वारा बताया गया है कि 29 मार्च 2022 को प्रदेश के मुख्या भूपेश बघेल द्वारा इंदौर स्टेडियम रायपुर में पंचायत सचिव/ शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम में पंचायत सचिवों का शासकीय करण करने की घोषणा की गई थी। लेकिन आज तक पंचायत सचिवों का शासकीय करण नहीं हो पाया है। पंचायत सचिवों का कहना है कि शासन द्वारा अगर पंचायत सचिवों का शासकीय करण किया जाता है तो शासन प्रशासन को वार्षिक वित्तीय भार लगभग 75 करोड आएगा जो कि नहीं के बराबर है।

  • त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत स्तर पर कार्यरत कर्मचारी शासकीय सेवक है, किंतु पंचायती राज की बुनियाद आधार स्तंभ कहे जाने वाले ग्राम पंचायत में कार्यरत कर्मचारी पंचायत सचिव शासकीय सेवक नहीं है।
  • शासन द्वारा चलाई जा रही सभी महत्वाकांक्षी योजनाओं, निर्माण कार्य तथा मनरेगा के कार्यों का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन कर पंचायत सचिवों द्वारा लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। लेकिन शासन उनका शासकीय करण नही कर रहा है।
  • शासकीय करण करने हेतु 65 सम्माननीय विधायक गण द्वारा अनुशंसा किया जा चुका है।
  • पंचायत सचिवों को कार्य करते हुए 28 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है वही पंचायत सचिवों के साथ नियुक्त हुए अन्य विभाग के कर्मचारी जैसे शिक्षाकर्मी, वन कर्मी, लोक निर्माण विभाग के कर्मी को शासकीय करण किया जा चुका है। लेकिन पंचायत सचिव आज भी शासकीय करण के लिए अछूते हैं।
ज्ञापन की कापी

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