छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाएं पर पड़ने लगा असर! एन.एच.एम. कर्मचारी आज  से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर…


रायगढ़: छत्तीसगढ़ प्रदेश एन.एच.एम. कर्मचारी संघ के बैनर तले प्रदेश के 16,000 से अधिक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) कर्मचारी 18 अगस्त 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इस दौरान आपातकालीन सेवाएं, जिसमें विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एस.एन.सी.यू.) भी शामिल है, पूरी तरह बंद रहेंगी। जिले के 550 से अधिक कर्मचारी इस आंदोलन में शामिल हैं।

प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी, प्रदेश महासचिव कौशलेश तिवारी, डॉ. रविशंकर दीक्षित, पूरन दास, हेमंत सिन्हा, प्रफुल्ल कुमार, जिलाध्यक्ष शकुंतला एक्का, डॉ. योगेश पटेल, वैभव डियोडिया, आनंद मिरि, संतोष बेहरा, राघवेंद्र बोहिदार, पवन प्रधान, रामसेवक साहू, अजय महीलांगे, जन्मजय सिदार, डॉ. कामिनी गुप्ता, नितेश यादव, अनिता यादव, नीलांबर वारे, डॉ. खीर सागर पटेल, उमेश जोल्हे, संदीप मिंज, प्रियंका तिर्की, कैलाश साहा, रीना गुप्ता, और रोशनी लकरा ने संयुक्त रूप से यह जानकारी दी।

हड़ताल का कारण: सरकार की बेरुखी
जिलाध्यक्ष शकुंतला एक्का ने बताया कि 15 अगस्त 2025 तक सरकार द्वारा कर्मचारियों की मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, जिसके चलते यह अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार और काम बंद, कलम बंद हड़ताल शुरू की गई है। संघ ने सभी कलेक्टर, सी.एम.एच.ओ., सी.एस., और बी.एम.ओ. को इस आंदोलन की पूर्व सूचना दे दी थी।

20 वर्षों की सेवा, फिर भी उपेक्षा
एन.एच.एम. कर्मचारी पिछले 20 वर्षों से प्रदेश के सुदूर अंचलों से लेकर प्रमुख शासकीय संस्थानों में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बने हुए हैं। कोविड-19 महामारी जैसे संकट में भी इनकी भूमिका अतुलनीय रही। इसके बावजूद, उन्हें मूलभूत सुविधाओं जैसे नियमितीकरण, वेतन वृद्धि, और चिकित्सा बीमा से वंचित रखा गया है, जबकि अन्य राज्यों में एन.एच.एम. कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त हैं।

राजनीतिक वादे और वर्तमान स्थिति
प्रदेश प्रवक्ता पूरन दास ने बताया कि वर्तमान सरकार के कई वरिष्ठ नेता जैसे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, और वन मंत्री केदार कश्यप ने पूर्व में एन.एच.एम. कर्मचारियों के मंचों पर समर्थन देने की बात कही थी। “मोदी की गारंटी” में भी नियमितीकरण का वादा किया गया था। फिर भी, पिछले 20 महीनों में 160 से अधिक बार ज्ञापन और आवेदन देने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला।

स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव
इस हड़ताल के कारण प्रदेश की 6,239 स्वास्थ्य संस्थाएं प्रभावित होंगी। संघ ने सरकार से तत्काल संवाद स्थापित कर मांगों पर निर्णय लेने का आग्रह किया है, अन्यथा स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप हो सकती हैं, जिसकी जिम्मेदारी शासन की होगी।

एन.एच.एम. कर्मचारियों की 10 सूत्रीय प्रमुख मांगें:

  1. संविलियन/स्थायीकरण
  2. पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
  3. ग्रेड-पे का निर्धारण
  4. कार्य मूल्यांकन (सी.आर.) में पारदर्शिता
  5. लंबित 27% वेतन वृद्धि
  6. नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण
  7. अनुकम्पा नियुक्ति
  8. मेडिकल एवं अन्य अवकाश की सुविधा
  9. स्थानांतरण नीति
  10. न्यूनतम 10 लाख कैशलेस चिकित्सा बीमा

हड़ताल का शुभारंभ और श्रद्धांजलि
हड़ताल का शुभारंभ 18 अगस्त 2025 को राष्ट्रगान के साथ किया गया। इसके साथ ही “भारत माता की जय” और “छत्तीसगढ़ महतारी की जय” का उद्घोष किया गया। आंदोलन के दौरान 28 दिवंगत कर्मचारियों को श्रद्धांजलि दी गई। मानव श्रृंखला बनाकर “एन.एच.एम.” लिखा गया और मौन धारण कर दिवंगत साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

चेतावनी: आंदोलन तब तक जारी रहेगा
संघ ने स्पष्ट किया कि जब तक मांगों पर लिखित आश्वासन नहीं मिलता, यह अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। कर्मचारियों ने कहा कि सरकार की बेरुखी के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने वाले प्रभाव की पूरी जिम्मेदारी शासन की होगी।

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