रायगढ़। सांस्कृतिक नगरी रायगढ़ में आज से ऐतिहासिक चक्रधर समारोह की शुरुआत हो रही है। यह आयोजन 10 दिनों तक चलेगा, जिसमें देश-प्रदेश के ख्यातिलब्ध कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। बड़े नामी कलाकारों को देखने की खुशी जहां लोगों में साफ झलक रही है, वहीं स्थानीय कलाकारों के मन में निराशा और नाराज़गी भी दिखाई दे रही है।
समारोह में लाखों रुपए खर्च कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकारों को बुलाया गया है, लेकिन रायगढ़ की पहचान बनाने वाले छत्तीसगढ़ जसगीत गायक देवेश शर्मा और लोकप्रिय गायक नितिन दुबे जैसे स्थानीय कलाकारों को मंच नहीं दिया गया।
इसी कारण रायगढ़ सहित छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों में रोष देखने को मिल रहा है। उनका कहना है कि जब यह आयोजन रायगढ़ की धरती पर हो रहा है, तो यहां के कलाकारों को ही नजरअंदाज करना उचित नहीं है। स्थानीय कलाकारों की उपेक्षा को लेकर सोशल मीडिया पर भी लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
कई यूजर्स का कहना है कि “जो कलाकार रायगढ़ को कला और संस्कृति की पहचान दिला रहे हैं, उन्हें ही मंच से दूर रखना अनुचित है।”चक्रधर समारोह को लेकर यह चर्चा अब सिर्फ कला तक सीमित नहीं रह गई, बल्कि स्थानीय कलाकारों के सम्मान और अवसर से जुड़ा बड़ा सवाल बन गई है।

छत्तीसगढ़ के मेलोडी किंग कहीं जाने वाले नितिन दुबे का भी कार्यक्रम चक्रधर समारोह में आगामी 1 सितंबर को तय था, शहर में बैनर पोस्टर भी लग गए हैं। लेकिन एकाएक नितिन दुबे का कार्यक्रम कैंसल कर दिया गया है, नितिन दुबे के करीबी बताते हैं कि जिला प्रशासन ने बजट नहीं होने की बात कही और नितिन दुबे का कार्यक्रम कैंसल कर दिया गया है।
क्या कहते है देवेश शर्मा
छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े जस गीत कलाकार देवेश शर्मा ने कहा कि चक्रधर समारोह में जाने के लिए सोच रहा हूं। लेकिन पता नहीं है अंदर जाने भी देंगे कि नहीं.! जिस रायगढ़ को 20 वर्षों से हमने साउंड सिस्टम और बिजली व्यवस्था के बारे में सिखाया, उन्ही के द्वारा आज हमारा अवहेलना किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले समय रामायण महोत्सव के दौरान कुमार विश्वास को ₹60 लाख दिया गया था, अभी भी मुझे लग रहा है कि इस बार चक्रधर समारोह में कम से कम 50 लाख रुपए दिया जाएगा। भारी भरकम राशि खर्च कर देश विदेश के कलाकारों को रायगढ़ में मंच दिया जा रहा है, लेकिन स्थानीय कलाकारों के लिए प्रशासन के पास बजट नहीं हो पा रहा है।