Tamnar News : आगामी लोकसभा चुनाव फतह करने की तैयारी को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों का दौरा तेजी से चल रहा है। छत्तीसगढ़ में दूसरे और तीसरे चरण के मतदान को लेकर केंद्रीय मंत्रियों से लेकर राज्य के मंत्रियों का भी आना जाना लगा हुआ है। इसी बीच रायगढ़ लोकसभा सीट से सांसद रहने के बाद मुख्यमंत्री बने विष्णु देव साय का उड़न खटोला आज तमनार के आदर्श ग्राम्य भारती विद्यालय मैदान में उतरेगा। लगभग 11:00 बजे सीएम साय तमनार पहुंचेंगे और हाई स्कूल मैदान में सभा को संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री के साथ रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी भी आ सकते है।
भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं में भरेंगे जोश
जिन विधानसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की हार हुई है, उन सीटों पर लोकसभा चुनाव के लिए नेताओं की निगाहें ज्यादा टिकी हुई है। भाजपा के नजरिये से कमजोर सीटों पर ज्यादा मेहनत करने की कोशिश होगी। लैलूंगा, धरमजयगढ़ सीट में विधानसभा प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा है, और यह दोनों ही विधानसभा सीट तमनार के इर्द-गिर्द है। सम्भवतः मुख्यमंत्री विष्णु देव साय दोनों विधानसभा सीटों के कार्यकर्ताओं पर जीत का जोश भरने की कोशिश करेंगे।
4 बार सांसद चुने गए साय देंगे जीत का मंत्र
छत्तीसगढ़ के मौजूदा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 1999 से 2014 तक 4 बार इस सीट का संसद में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस दौरान वे केंद्र में राज्य मंत्री भी रहे। 1999 में अजीत जोगी ने जब इस सीट को छोड़ा तो कांग्रेस ने अपने पूर्व सांसद पुष्पा देवी सिंह को टिकट दिया। साय उन्हें हरा कर पहली बार सांसद बने। इसके बाद वे लगातार 2014 तक निर्वाचित होते रहे। 2019 में पार्टी ने साय के स्थान पर गोमती साय को टिकट दे दिया। लंबे समय तक रायगढ़ सीट से सांसद रहे साय के पास इस सीट की पूर्ण जानकारी है। जो राधेश्याम के लिए मिल का पत्थर साबित हो सकता है। CM साय आज अपने प्रत्याशी को जीत का मंत्र दे सकते है।
राजघराने और हाथी प्रभावित क्षेत्र से है लोकसभा प्रत्याशी
लोकसभा प्रत्याशियों की बात की जाए तो रायगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस ने राजघराने से ताल्लुक रखने वाली मेनका सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है, तो वहीं भाजपा ने हाथी प्रभावित क्षेत्र से आने वाले राधेश्याम राठिया को प्रत्याशी के रूप में लोकसभा के चुनावी जंग में भेजा है।
कैसा है रायगढ़ लोकसभा सीट का समीकरण
रायगढ़ लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व है। इस लोकसभा सीट के अंदर 3 जिले आते है, रायगढ़,जशपुर और सारंगढ़-बिलाईगढ़। 3 जिलों में 8 विधानसभा सीटें है। रायगढ़ जिले से रायगढ़, खरसिया, धरमजयगढ़, लैलूंगा। जशपुर जिले से जशपुर,पत्थलगांव, कुनकुरी और सारंगढ़-बिलाईगढ जिले से सारंगढ़ की विधानसभा सीटें शामिल है।
रायगढ़ संसदीय सीट का इतिहास
- 1962: आरआरपी के टिकट पर राज्य विजय भूषण सिंहदेव ने जीत दर्ज की।
- 1967: कांग्रेस से आर गांधा बने सांसद
- 1971: कांग्रेस से उमेध सिंह ने जीत दर्ज किया
- 1977: बीएलडी की तरफ से नरहरि प्रसाद सुखदेव साय ने चुनाव जीता
- 1980: कांग्रेस की पुष्पा देवी सिंह जीतीं
- 1984: कांग्रेस की पुष्पा देवी जीतीं
- 1989: बीजेपी के टिकट पर नंद कुमार साय जीते
- 1991: कांग्रेस की तरफ से पुष्पा देवी सिंह जीतीं
- 1996: बीजेपी के नंदकुमार साय जीते
- 1998: कांग्रेस के अजीत जोगी जीते
लगातार चार बार जीते साय
- 1999: बीजेपी के विष्णुदेव साय जीते
- 2004: बीजेपी की तरफ से विष्णुदेव साय की जीत
- 2009: बीजेपी के विष्णुदेव साय की तीसरी बार जीत
- 2014: बीजेपी के विष्णुदेव साय की चौथी बार जीत
- 2019: बीजेपी से गोमती साय ने मारी बाजी,फिर विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक चुने गए।
आचार संहिता का हो रहा उल्लंघन
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में उल्लंघन जैसी शब्द अच्छा नहीं लगता है। लेकिन उनके ही आगमन के पूर्व तमनार क्षेत्र में खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है। CM के आगमन पर भाजपा पार्टी के झंडे सरकारी पोल, आंगनबाड़ी केंद्र परिसर और शासकीय बोर्ड पर लटके हुए दिख रहे है।



