Raigarh News : अडानी पावर लिमिटेड के विस्तार की जनसुनवाई में ग्रामीण कर रहें पुरजोर विरोध ! विरोध की तख्तियां लेकर पहुंची है महिलाएं…क्षमता विस्तार से बढ़ेगा प्रदूषण, उजड़ जाएंगे चार गांव !

Raigarh News: अडानी पावर लिमिटेड की क्षमता विस्तार को लेकर आज सूपा में जनसुनवाई हो रही है। जिसका विरोध पुरजोर तरीके से ग्रामीण कर रहे हैं, माइक से लेकर लोगों के ज़ुबान में भी अदानी पावर लिमिटेड के खिलाफ विरोध के स्वर बुलंद हो रहे हैं। जनसुनवाई पर पहुंची महिलाएं हाथों में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही है, तो वहीं ग्रामीण कंपनी द्वारा पूर्व में की गई वादाखिलाफी याद दिलवा कर कंपनी हटाने की बातें कह रहे है। देखा जाए तो अडानी पावर लिमिटेड की क्षमता विस्तार को लेकर हो रहे जनसुनवाई का लोग शुरू से ही विरोध करना शुरू कर दिए हैं, क्योंकि लोग भली भाती परिचित हैं कि कंपनी के विस्तार से क्षेत्र में प्रदूषण, सड़क हादसा और बीमारियां सहित और अन्य समस्याएं बढ़ जाएगी।

विरोध जताते ग्रामीणों से पुलिस की झूमाझटकी
विरोध की तख्ती लिए महिला

क्षेत्र का अस्तित्व खतरे में – ग्रामीण

देखा जाए तो जिले का पुसौर क्षेत्र किसानी के लिए जाना जाता है। पुसौर ब्लॉक के आधी से ज्यादा आबादी कृषि पर आधारित है, जहां अधिकतर लोगों की जीविका कृषि कार्य से चलती है। शहर तक सब्जी की सप्लाई अधिकतर पुसौर क्षेत्र से ही होती है। लेकिन कंपनी के विस्तार होने से क्षेत्र में प्रदूषण की विकराल समस्या और बढ़ जाएगी, क्षेत्र का वातावरण प्रदूषित होने से जमीन उपजाऊ नहीं रहेगा। किसानों के उपजाऊ खेती चली जाएगी, जिससे उनका जीवन अंधकार में हो जाएगा।

चार गांव उजाड़ कर होगा विस्तार

रायगढ़ में उद्योगों की कोई कमी नहीं है! नए उद्योग भी खुल रहे हैं और पुराने उद्योग अपना विस्तार भी कर रहे हैं, मगर इसी के साथ प्रदूषण और बेरोजगारी में भी विकराल रूप से विस्तार हो रहा है। यहां सिर्फ उद्योगों का विकास होता है मगर रायगढ़ जिले के रहने वाले स्थानियो का नहीं! जल, जंगल, जमीन का विनाश, बीमारियां, प्रदूषण, बेरोजगारी, विकास के नाम पर यही मिला है। प्रायः शांत रहकर सब कुछ सहने वाले अब इसके विरोध में खड़े हो रहे हैं।पुसौर ब्लॉक के ग्राम पंचायत बड़े भंडार, छोटे भंडार, अमलीभौना और सरवानी जैसे 4 गांवों के बीच स्थित अडानी पावर लिमिटेड अपने फैक्ट्री का विस्तार करना चाह रहा है। जिससे पहले से ही प्रदूषण की मार झेल रहे क्षेत्रीय लोगों की तकलीफें और बढ़ जाएगी। जिस वजह से प्रभावित ग्रामीण जल, जमीन और जंगल बचाने के लिए पुरजोर और विरोध जता रहे हैं।

पंडाल पर विरोध जताते ग्रामीण

पहले के वादे अधूरे अब नई कसमे

ग्रामीणों का आरोप है कि कोरबा वेस्ट उनके गांव की हरियाली को पहले ही खा चुकी है। और अब रहा सहा कसर अडानी पावर निकाल रहा है। कंपनी स्थापना के दौरान भूमि अधिग्रहण में स्थानीय लोगों की पुश्तैनी जमीन तो काफी पहले ही जा चुकी है, मगर शर्त के अनुसार उनके परिवार के सदस्यों को न तो स्थायी नौकरी मिली और न ही गोद गांव में सीएसआर मद से विकास की वो गंगा बही, जो नियमानुसार होनी चाहिए। यही नहीं, कंपनी प्रबंधन गांव की कच्ची सडक़ को भी बना नहीं सकी। नतीजतन, बारिश होते ही रोड में पानी और कीचड़ भरा रहता है।

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