Raigarh News: जाको राखे साइयां मार सके न कोय, बाल न बांका करि सके जो जग बैरी होय यह कहावत आज चरितार्थ हुआ। एक अधेड़ उम्र की महिला ने महानदी के तेज बहाव के साथ-साथ मौत को भी चकमा दे दिया है। बताया जा रहा है कि एक गांव की एक अधेड़ उम्र की महिला महानदी में गिर गई। जहां से बचने की कोई उम्मीद नहीं थी, वहां वह बहकर लगभग 50 किलोमीटर दूर पहुंच गई और स्थानीय मछुवारों को जिंदा मिली।गुरुवार को उसे झारसुगुड़ा जिले में मछुआरों ने बचाया।
मिली जनाकारी के अनुसार, रायगढ़ जिले के पोरथ की सरोजिनी रणबीर बुधवार शाम को तेज बहाव में बह गई। पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण नदी अपने पूरे उफान पर थी। गुरुवार की सुबह झारसुगुड़ा जिले में महानदी के किनारे पलसीडा गांव के कुछ मछुआरों ने उसे देखा और उसकी जान बचाई। उसके पैर में लोहे की जंजीरें बंधी हुई थी।
रेंगाली पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक अभिमन्यु दुर्गा ने बताया कि महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त लग रही थी। हालांकि पूछताछ करने पर उसने अपने भाई और गांव का नाम बताया। उन्होंने कहा, “शुरुआती पूछताछ में पता चला कि मानसिक बीमारी के कारण उसके पति ने उसे छोड़ दिया था और वह अपने भाई के साथ रहती थी। ऐसा लगता है कि उसके परिवार ने उसके पैरों में बेड़ियां डाल दी थी। लेकिन यह अविश्वसनीय है कि 50 किलोमीटर तक नदी में बहने के बाद भी महिला कैसे बच गई।” बाद में महिला की मेडिकल कराई गई और उसके पैरों की बेड़ियां खोली गई। पुलिस ने कहा है कि महिला के भाई को झारसुगुड़ा बुलाया गया है।