Raigarh News: डोकरबुड़ा में प्रस्तावित बारूद प्लांट के विरोध में सैकड़ों ग्रामीणों का प्रदर्शन, ज्ञापन लेने SDM कार्यालय में नहीं मिले कोई अधिकारी! प्रशासन की बेरुखी से बढ़ा आक्रोश! पढ़िए पूरी खबर…

Raigarh News: घरघोड़ा क्षेत्र के छर्राटांगर के डोकरबुड़ा में प्रस्तावित ब्लैक डायमंड कंपनी के बारूद प्लांट के विरोध में सैकड़ों ग्रामीण आज सुबह एसडीएम कार्यालय पहुंचे। ग्रामीण  चार घंटे तक एसडीएम का इंतजार करते रहे, लेकिन कोई प्रशासनिक अधिकारी ज्ञापन लेने नहीं आया, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता गया। ग्रामीण अभी भी ज्ञापन सौंपने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का इंतजार कर रहे है।

SDM कार्यालय में भारी संख्या में मौजूद है महिलाएं

प्रस्तावित बारूद प्लांट के विरोध प्रदर्शन में महिलाओं की भी भारी संख्या में मौजूदगी रही, जिन्होंने प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों के बेरुखी पर नाराजगी जताई। ग्रामीणों का कहना है कि पहले से ही क्षेत्र में कोयला खदानों के कारण प्रदूषण बढ़ गया है, जिससे आम लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो रही हैं। अब बारूद प्लांट लगने से वातावरण और अधिक प्रदूषित होगा, जिससे क्षेत्र के जल, जंगल और जमीन को नुकसान पहुंचेगा।

दुर्व्यवहार का आरोप

ग्रामीणों का आरोप है कि जब वे अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे, तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। कार्यालय के अंदर बैठी महिला कर्मचारी के द्वारा उन्हें कार्यालय परिसर से बाहर निकलने को कहा गया और उनकी बात को नजरअंदाज किया गया। प्रशासन की यह उपेक्षा ग्रामीणों में असंतोष को और बढ़ा रही है।

प्रस्तावित जमीन के नजदीक है स्कूल,

ग्रामीणों के द्वारा एसडीम को दिए जाने वाले ज्ञापन में बताया गया है कि बारूद प्लांट के लिए प्रस्तावित जमीन के कुछ दूरी पर ही राबो का स्कूल है। वही प्रस्तावित जमीन हाथी प्रभावित क्षेत्र में आता है, हाथियों का लगातार क्षेत्र में विचरण बना रहता है। लेकिन बारूद फैक्ट्री लग जाने से उनके जीवन में भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

क्या है ग्रामीणों की मांग?

ग्रामीणों ने ब्लैक डायमंड कंपनी के बारूद प्लांट को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे आंदोलन तेज करेंगे। स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया कि जब इतने बड़े स्तर पर विरोध हो रहा है, तो प्रशासन इस पर खामोश क्यों है? ग्रामीणों ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही कोई अधिकारी उनकी मांगों पर ध्यान देगा, अन्यथा वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।

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