Tamnar News: “विडंबना” 5G के दौर में भी सिग्नल को तरसते लोग ! नेटवर्क कनेक्टिविटी और इंटरनेट से कोसों दूर ये गांव ! ग्रामीण बोले- नहीं है कोई सुनने वाला, मोबाइल महज खिलौना !

Tamnar News: आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी तमनार के आधा दर्जन गांव में आज तक इंटरनेट की सुविधा पहुंच नही पाई है। लोग अभी भी मोबाइल नेटवर्क के लिए तरस रहे हैं। मोबाईल पर बात करने के लिए लोगों को गांव से लगभग 5 किलोमीटर दूर का सफर तय कर नेटवर्क क्षेत्र में जाना पड़ रहा है। आपातकालीन सेवाएं, पढ़ाई और पंचायत स्तर के कार्य प्रभावित है। समय में आपातकालीन सेवा नहीं मिल पाने के कारण लोगों की जानें भी जा रही है। इंटरनेट के सुविधा नहीं मिल पाने के कारण शिक्षा का स्तर भी गर्त में जा रहा है। कोरोना काल के दौरान कई बच्चे इंटरनेट की सुविधा नहीं होने के कारण ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण करने से वंचित रह गए थे। देखा जाए तो भारत अभी तक इंटरनेट के क्षेत्र में 5 G का सफर तय कर चुका है, 6 G की टेस्टिंग चल रही है।

लेकिन तमनार क्षेत्र का डारआमा,ठरकपुर,भुईकुररी,जीवरी सहित आसपास के कई अन्य गांव आज तक इंटरनेट की सुविधा से कोसों दूर है। ऐसा नहीं है कि यहां के ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से नेटवर्क स्थापित करने की मांग न की हो, लेकिन अब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है। प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें ऐसा लगता है कि वे देश के नागरिक नहीं हैं, शायद इसीलिए हमारी सुध लेने वाला कोई नहीं है। गांव के युवाओं का कहना है कि आज के इस डिजिटल और ऑनलाइन जमाने में वो भी जमाने के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाह रहे हैं, लेकिन इंटरनेट की सुविधा गांव तक नहीं पहुंच पाने के कारण उनका कदम पीछे हट रहा है।

डिजिटल इंडिया की खुली पोल

सरकार डिजिटल इंडिया की बात कर रही है। सरकार के द्वारा देश के कोने कोने में इंटरनेट कनेक्टिविटी बनाने की मुहिम भी चलाई गई थी। लेकिन तमनार के इन कुछ गांवों में आज भी लोग नेटवर्क की सुविधा न होने से मोबाइल का सही यूज नहीं कर पा रहे हैं। कहा जाए तो यहां के लोगों के लिए मोबाइल महज एक खिलौना बनकर रह गया है।

ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में हो रही दिक्कत

इंटरनेट कनेक्टिविटी न होने से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में भी काफी दिक्कतें हो रही है। इस गांव के राशन दुकानों पर ऑनलाइन पेमेंट नहीं हो पाता है। मोबाइल टावर ना होने के कारण ग्रामीणों को ऑफलाइन ही राशन दिया जाता है।इतना ही नहीं इंटरनेट कनेक्टिविटी न होने से लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल रहा है।

झेलना पड़ता है आर्थिक नुकसान

नेटवर्क की समस्या से विद्यार्थियों के साथ साथ ग्रामीणों को भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्हें अगर किसी से जरूरी बात करनी हो तो घर से बहुत दूर जाना पड़ता है, जहां इंटरनेट चल पाए और फोन में टावर भी आ जाए, लेकिन वर्षा के दिनों में कई बार वहां भी अच्छे से बात नहीं हो पाती है।कोरोना और लॉकडाउन के दौरान जब लोगों का सबसे बड़ा सहारा फोन ही था, ऐसे समय में भी यहां के लोगों को यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इस समय यहां अच्छी कनेक्टिविटी वाले टावर की बहुत आवश्यकता है। आजकल हर कार्य ऑनलाइन करना पड़ता है, लेकिन नेटवर्क नहीं होने के कारण लोगों को अपना छोटा सा काम भी करवाने के लिए नेटवर्क वाले क्षेत्र में जाना पड़ता है।ग्रामीणों के अनुसार कई बार आवश्यक कार्य होने पर बैंक वाले फोन करते हैं, लेकिन नेटवर्क की समस्या होने के कारण फोन नहीं लग पाता है, जिससे उनका ज़रूरी कार्य भी रुक जाता है और उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। चूंकि इस गांव की अधिकतर आबादी खेती या मज़दूरी करती है. जिनकी दैनिक आमदनी राष्ट्रीय औसत से काफी कम है।ऐसे में इन्हें एक दिन का भी नुकसान काफी महंगा साबित होता है।

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