रायगढ़। जब कोई जीव बीमार हो या किसी पीड़ा से ग्रस्त हो तो पहले भगवान का नाम मुंह से निकलता है, फिर डॉक्टर में ही उसे भगवान दिखता है। अगर आपकी मुश्किल के समय एक अच्छा डॉक्टर मिल जाए और प्यार और मानवता की भावना से आपकी देखभाल करे तो शायद उससे ज्यादा कुछ भी अच्छा नहीं हो सकता।
ऐसा ही एक मामला 13 जनवरी की रात्रि पुसौर क्षेत्र के बुनगा से सामने आया है। जहां देर रात्रि 2:00 बजे ग्राम बुनगा निवासी राम प्रसाद साहू की पत्नी चंपा देवी साहू को प्रसव पीड़ा होने पर तत्काल मातेश्वरी मेमोरियल चिकित्सालय लाया गया। लेकिन उस वक्त की स्थिति मां और नवजात के लिए सही नहीं थी। गाड़ी में प्रसव पीड़ा से मां कराह रही थी,वही बच्चे का सिर बाहर आ चुका था, जिससे रक्त स्त्राव भी तेज हो रहा था। ऐसी परिस्थिति में बच्चे का प्रसव तत्काल कराना अति आवश्यक था।
गाड़ी में ही कराया गया प्रसव
प्रसव पीड़ा से कराह रही मां की स्थिति और समय की नजाकत को देखते हुए मातेश्वरी मेमोरियल चिकित्सालय में उपस्थित डॉक्टर प्रियंका साहू, डॉक्टर राजेंद्र साव एवं स्टाफ दुर्गेश्वरी कश्यप, अंजली मिंज द्वारा गाड़ी में ही बच्चे का सुरक्षित प्रसव कराया गया तथा मां को तत्काल रक्तस्त्राव बंद होने की आपातकालीन दवा दी गई। डॉक्टरों ने बताया कि मां सीकलिंग की मरीज थी। इस तरह मां और बच्चे दोनों को सुरक्षित ढंग से प्रसव करा कर बेहतर इलाज व वैक्सीनेशन हेतु डॉक्टरों द्वारा रायगढ़ अस्पताल भेजा गया। ग्रामीण अंचल में अच्छी सेवाओं के साथ मातेश्वरी मेमोरियल चिकित्सालय बुनगा को अग्रणी संस्थान माना जाता है