Raigarh News: जिले से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गेरवानी- सराईपाली पहुंच मार्ग में कई जानलेवा गड्ढे बन चुके है। खासकर गेरवानी से मां चंद्रहासिनी इस्पात कंपनी तक कि सड़क पर घुटने भर से भी ज्यादा गहराई के गड्ढे जान लेने को आतुर हो गए हैं। लोग बाग जान हथेली में लेकर आवागमन करने को मजबूर है। भारी वाहनों के पहिए गड्ढों में फंस रहे हैं। जिससे प्रतिदिन जाम की स्थिति भी निर्मित हो रही है और लोग परेशान हो रहे हैं। गौर फरमाने वाली बात यह है कि गेरवानी से सराईपाली मार्ग पर छोटी-बड़ी कई कंपनियां स्थापित है, जिनकी गाड़ियां ही सड़क पर दौड़ रही है। लेकिन किसी भी कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों की नजर सड़क पर नहीं जा रही है। प्रशासन भी आंख मूंद ली है। सड़क पर लाखों रुपए का कच्चा माल व अन्य सामग्रियां प्रतिदिन भारी वाहनों से ढोई जा रही है, लेकिन सड़क का मरम्मत कराना किसी भी कंपनी वाले वाजिब नहीं समझ रहे।


बड़ी आबादी गुजरती है जानलेवा सड़क से
जिले का तमनार और गेरवानी क्षेत्र उद्योगों से भरा पड़ा है। बाहर से आकर कंपनियों में काम करने वाले लोगों की एक बड़ी आबादी आसपास के क्षेत्रों में निवासरत है। उद्योगों में काम करने वाले मजदूर तराईमाल और गेरवानी गांव में रह रहे है। जो प्रतिदिन इसी जानलेवा सड़क से होकर काम करने कंपनियों में जाते हैं। जिससे सड़क पर बन चुके गड्ढों की वजह से उन्हें कई बार हादसों का शिकार भी होना पड़ता है।

हो चुके है कई हादसे
बरसात का समय चल रहा है। सड़कों में पानी भर जाने से घुटने भर के बने गड्ढे नजर नहीं आते है। भारी वाहन और चार पहिया वाहनों के पहिया गड्ढे में फस रहे हैं। गड्ढों में पहिये जाने से गाड़ियों के अनियंत्रित होकर पलटने की भी आशंका बनी रहती है। दो पहिया वाहन चालको के लिए इस सड़क पर आवागमन करना ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है।
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